PM मोदी की छूट से और घातक हो जाती है सेना, चीन हो या पाकिस्तान दोनों के लिए बनी है काल

पाकिस्तान पर कब और कैसा हमला होगा, ये भारत की सेना तय करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन्हें खुली छूट दे दी. तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में ये बात सामने आई. प्रधानमंत्री मोदी से फ्रीहैंड का लाइसेंस मिलने के बाद भारत की सेना और घातक जाती है. इसका सबूत वो दे चुकी है. इस बात को पाकिस्तान भी मानता है. तब ही तो वो खौफ में है और उसे डर सता रहा है कि अगले 24 से 36 घंटे में भारत उसपर हमला कर सकता है.
जब-जब मिली छूट, घातक हुई सेना
ये कोई पहला मौका नहीं कि पीएम मोदी ने सेना को फ्रीहैंड दिया है. इससे पहले उरी, पुलवामा हमले के बाद भी उन्होंने कार्रवाई के लिए खुली छूट दी थी. इसके अलावा 2020 में चीन के साथ गलवान घाटी में झड़प के बाद भी सेना को फ्रीहैंड किया गया था.
साल 2016. जगह- जम्मू कश्मीर का उरी. पाकिस्तान के आतंकियों ने 18 सितंबर को सेना के कैंप पर हमला किया, जिसमें 18 जवानों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद देश पाकिस्तान पर एक्शन की मांग कर रहा था. उसे मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही जा रही थी. पाकिस्तान पर एक्शन के लिए सरकार ने सेना को फ्रीहैंड दे दिया.
सेना सरकार और देश की उम्मीदों को पूरा किया और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. देश के जांबाज सैनिकों ने आतंकियों के कई ठिकानों को ध्वस्त किया. सेना ने कहा था कि वो बड़े पैमाने पर आतंकियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने में सक्षम रही है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में कानून और व्यवस्था को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा था.
इसके बाद साल आया 2019. इस साल फरवरी के महीने में आतंकियों ने पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमला किया. इस हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा का माहौल था. उसे तगड़ा जवाब देने की मांग उठने लगी. पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पीएम मोदी ने सेना को फ्रीहैंड दिया.
हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि हत्यारों और उनके समर्थकों को कैसे, कब, कहां और कौन सजा देगा, इसका फैसला हमारी सेना द्वारा किया जाएगा जो स्थिति से निपटने में सक्षम हैं. प्रधानमंत्री ने सेना का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि आतंकी जहां भी छिपे हों, हमारे सुरक्षाबल उन्हें बाहर निकाल देंगे और उन्हें दंडित करेंगे. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने क्या किया था, ये पूरी दुनिया के सामने है. उसने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की और आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया.
चीन को भी मिल चुका है मुंहतोड़ जवाब
2016 और 2019 में पाकिस्तान को तगड़ा जवाब मिल चुका था. अब बारी थी उसके गुरु चीन की. 2020 में चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को उकसाया था. 20 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसमें चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी आंकड़ों को सामने नहीं आने दिया.
इस झड़प में भारतीय सैनिकों ने चीन को डटकर जवाब दिया था और उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था. जब ये घटना हुई थी तब पीएम मोदी ने कहा था कि भारतीय सेना को भारतीय क्षेत्र की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की पूरी छूट दी गई है. उन्होंने कहा था कि चीन द्वारा उठाए गए कदमों से पूरा देश आहत और क्रोधित है. भारत शांति और मित्रता चाहता है, लेकिन संप्रभुता को बनाए रखना सर्वोपरि है.