छत्तीसगढ़

अवैध शराब पर चक्रधरनगर पुलिस का शिकंजा, दो गिरफ्तार

रायगढ़ । जिले की चक्रधरनगर पुलिस ने अवैध शराब के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम कोलईबहाल जामगांव में दबिश देकर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ‘

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से कुल 20 लीटर महुआ शराब बरामद की, जिसकी कुल कीमत लगभग 4,000 रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम और नगर पुलिस अधीक्षक मयंक मिश्रा के मार्गदर्शन में की गई।

सूचना पर हुई त्वरित कार्रवाई

चक्रधरनगर थाना प्रभारी निरीक्षक अमित शुक्ला को 12 अगस्त को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम कोलईबहाल जामगांव निवासी राजेश कुमार सूर्यवंशी (32 वर्ष) और प्रेम कुमार किसान (39 वर्ष) अपने घर पर बिक्री के लिए अवैध महुआ शराब संग्रहित किए हुए हैं।

सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत हरकत में आई और अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी। दबिश के दौरान पुलिस ने राजेश कुमार सूर्यवंशी के पास से 8 लीटर महुआ शराब बरामद की, जिसकी कीमत करीब 1,600 रुपये है। वहीं, प्रेम कुमार किसान के कब्जे से 12 लीटर महुआ शराब मिली, जिसकी कीमत लगभग 2,400 रुपये आंकी गई।

 

आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज

दोनों आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) और 59(क) के तहत क्रमशः अपराध क्रमांक 358/2025 एवं 359/2025 दर्ज किया गया।

पुलिस ने आरोपियों को रिमांड पर भेज दिया है। इस ऑपरेशन में थाना प्रभारी निरीक्षक अमित शुक्ला के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक नंद कुमार सारथी, प्रधान आरक्षक महेन्द्र कर्ष, प्रधान आरक्षक रवि साय, आरक्षक चंद्र कुमार बंजारे, आरक्षक मिनकेतन पटेल, आरक्षक सुशील मिंज और महिला आरक्षक माधुरी राठिया शामिल रहे। टीम ने समन्वय के साथ दबिश देकर कार्रवाई को अंजाम दिया।

लगातार निगरानी और सख्ती का संदेश

पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में अवैध शराब के निर्माण, भंडारण और बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। इस तरह की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है, ताकि समाज में नशे के दुष्प्रभाव को कम किया जा सके।

पुलिस का सख्त रुख

थाना प्रभारी अमित शुक्ला ने बताया “अवैध शराब का कारोबार न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य और समाज की शांति के लिए भी खतरा है। हमारी प्राथमिकता है कि ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई कर क्षेत्र को सुरक्षित और नशा मुक्त बनाया जाए।”

महुआ शराब का बढ़ता खतरा

ग्रामीण इलाकों में महुआ शराब का उत्पादन और बिक्री कई सालों से एक गंभीर समस्या बनी हुई है। सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने के कारण यह नशा युवाओं और निम्न आय वर्ग के लोगों में तेजी से फैल रहा है। पुलिस और प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी और कार्रवाई के बावजूद कई लोग इस अवैध धंधे में लिप्त पाए जाते हैं।

गांवों में हो रही तस्करी

चक्रधरनगर और आसपास के इलाकों में कई छोटे गांवों में स्थानीय स्तर पर महुआ शराब तैयार की जाती है और फिर इसे गुप्त रूप से बेचा जाता है। इसमें अक्सर महिलाएं भी शामिल रहती हैं, जो अपने घर में ही शराब बनाकर बेचती हैं। इस धंधे से जुड़ने का मुख्य कारण आर्थिक तंगी और बेरोजगारी माना जाता है।

पुलिस का जनजागरूकता अभियान

हाल ही में पुलिस ने कई गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाए हैं, जिनमें लोगों को अवैध शराब के नुकसान और कानूनी कार्रवाई के बारे में बताया गया। इसके बावजूद कुछ लोग इस कारोबार में शामिल होने का जोखिम उठाते हैं। अवैध शराब पीने से अक्सर लोगों की तबीयत बिगड़ने या मौत की खबरें आती रहती हैं। जहरीली शराब से पिछले साल रायगढ़ और जांजगीर-चांपा में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस वजह से पुलिस प्रशासन इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

गांव में दबिश के बाद लोगों ने पुलिस की सराहना की और उम्मीद जताई कि इस तरह की कार्रवाई से अवैध शराब कारोबार में कमी आएगी। ग्रामीणों का कहना है कि इस कारोबार से गांव का माहौल खराब हो रहा है और युवा नशे की लत में फंसते जा रहे हैं।

 

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