कोरबा : पार्सल बेचने पर वन नाईट क्लब, टी.पी.नगर पर लगा 25 हजार का जुर्माना…

कोरबा जिले में संचालित शॉपिंग मॉल रेस्टोरेंट बार, एफ.एल.-3(क), वन नाईट क्लब, टी.पी.नगर कोरबा में दिनांक 21.07.2025 को प्रभारी अधिकारी, आबकारी उपनिरीक्षक, वृत्त-कोरबा शहर द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान बार के उपस्थित अभिकर्ता द्वारा 02 बोतल (650 मि.ली.) बडवाइजर मेग्नम बियर को पार्सल के रूप में विक्रय किये जाने के कारण एफ.एल. 3क शॉपिंग मॉल रेस्टोरेंट बार अनुज्ञप्ति के लायसेंस शर्त क्रमांक 03 का उल्लंघन करते पाये जाने पर विभाग द्वारा विभागीय प्रकरण कायम किया गया, जिस पर कलेक्टर द्वारा राशि रूपये 25 हजार का शास्ति अधिरोपित किया गया है।
कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने अवैध शराब पर सघन एवं सख्त कार्यवाही करने आबकारी विभाग को निर्देशित किया है। सहायक आयुक्त आबकारी, श्रीमती आशा सिंह ने जिले में पदस्थ अमले को लगातार कार्यवाही कर अधिकाधिक मात्रा में अवैध शराब जप्त करने टीम का गठन किया है।
माह अगस्त, 2025 में 17 अगस्त तक 86 आपराधिक प्रकरण जिले में दर्ज किये गये है जिसमें लगभग 180.55 लीटर अवैध शराब और 100 किलो शराब बनाने का लाहन छापामार कर जप्त किया गया है। 11 आरोपियों के विरूद्ध धारा 34(2) के तहत् अजमानतीय अपराध दर्ज कर न्यायालय से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।
इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में माह अप्रैल, 2025 से 17 अगस्त 2025 तक 714 आपराधिक प्रकरण जिले में दर्ज किये गये है जिसमें लगभग 3230.94 लीटर अवैध शराब और 12 हजार 890 किलो शराब बनाने का लाहन छापामार कर जप्त किया गया है। 111 आरोपियों के विरूद्ध धारा 34(2) के तहत् अजमानतीय अपराध दर्ज कर न्यायालय से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। इन आपराधिक प्रकरणों में शराब का बाजार मूल्य लगभग तेरह लाख रूपये आंका गया है। साथ ही 4.200 किलोग्राम गांजा मूल्य सत्तावन हजार रूपये जप्त कर दो आरोपियों को एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत् जेल भेजा गया है।
उल्लेखनिय है कि छत्तीसगढ़ में 5 लीटर से अधिक मात्रा में अवैध शराब धारण, निर्माण, बिक्री या परिवहन दण्डनीय और अजमानतीय अपराध है, इसमें आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कर विवेचना उपरान्त प्रकरण का अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
इसमें एक वर्ष से तीन वर्ष तक का कारावास और पच्चीस हजार रूपये से एक लाख रूपये तक के जुर्माने के दण्ड का प्रावधान है। आरोपी के दूसरी बार दोषसिद्ध पाये जाने पर कारावास की अवधि दो वर्ष से पांच वर्ष और जुर्माना पचास हजार से दो लाख रूपये तक लिए जाने का प्रावधान है।