सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या,शव को बोरा में बांधकर नाला में फेंका

कोरबा । कोरबा जिले के सीमांत कोरबी चौकी में 28 जुलाई 2025 को सविता राजवाड़े (35) की गुमशुदगी की सूचना के लगभग 23 दिनों बाद उसका कंकाल लालपुर जंगल में ठेंगुरनाला से पुलिस ने बरामद किया है। घटनास्थल पर कोरबा से एफएसएल की टीम, पसान थाना प्रभारी श्रवण विश्वकर्मा एवं ग्रामवासियों के समक्ष विज्ञानिक अधिकारी डा. सत्यजीत कोसरिया ने कंकाल का अवलोकन बाद पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के सुपुर्द किया।
कोरबी चौकी प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार जोगी ने बताया कि लालपुर निवासी उमेंद बिंझिया (45) एवं उसके सहयोगी संत राम बिंझिया (28) ने जबरन दुष्कर्म के बाद हत्या कर चोटिया निवासी सविता राजवाड़े के शव को नाले में फेंक दिया था। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन में जांच-पड़ताल की तत्परता दिखाते हुए मामले की छानबीन की जा रही थी कि मुखबिर की सूचना एवं मृतका के पति समेलाल राजवाड़े के सहयोग से मुख्य आरोपी उमेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं।
एएसआई श्री जोगी ने आरोपियों के कथन अनुसार बताया कि पीड़िता घटना दिनांक 28 जुलाई को सरकारी चावल और शक्कर लेने के लिए सोसायटी गई हुई थी, वहां सुबह करीब 11 बजे तक उसने सामान खरीद लिया और इसके बाद घर तक पहुंचाने के लिए अपने पूर्व प्रेमी को गाड़ी लेकर बुलाया।
उमेंद्र प्रसाद बाइक लेकर पहुंचा और घर ले जाते वक्त रास्ते में घटनास्थल के निकट सविता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया और अपने दो अन्य साथियों से भी जबरन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।
सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता ने जब थाना में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही तो उसी के गमछा से गला दबाकर मार डाला और बोरा में भरकर नाला में फेंक दिया गया। इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए।
इधर जब सविता काफी देर तक घर नहीं लौटी तो अपने स्तर पर तलाश के बाद गुमशुदगी की सूचना परिजन द्वारा पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई,जिसके आधार पर प्रारम्भ विवेचना के दौरान तथ्यों का खुलासा हुआ और दो आरोपियों को आज गिरफ्तार कर लिया गया, मोटरसाइकिल भी जप्त की गई है व तीसरे आरोपी की तलाश जारी है। प्रकरण में आरोपियों के विरुध्द भारतीय न्याय संहिता की धारा 70, 103(1), 238 व 3-5 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। आगे की कार्यवाही जारी है।