उधार में 38 लाख लेकर SECL कर्मी पत्नी सहित फरार,भटक रही चन्द्र स्वजन समिति, FIR दर्ज…

कोरबा। रिश्तेदार की बीमारी का इलाज के नाम पर समिति से लगभग 40 लाख रुपए उधार लेने के बाद एसईसीएल कर्मी और उसकी पत्नी की नीयत बिगड़ गई है। रुपए लौटाना तो दूर इसके एवज में दिए गए चेक को भी छलपूर्वक साजिश के तहत बैंक से निरस्त करा लिया। अब उधार देने वाली समिति रकम वापस पाने के लिए भटक रही है। न्यायालय के निर्देश पर दंपति के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया गया है।
परिवादिनी लेखिका चन्द्रा, चंद्र स्वजन कल्याण समिति कोरबा की उपाध्यक्ष है तथा समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत् उनके द्वारा अधिकृत होकर बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है। उक्त कार्य समाज के सदस्यों तक ही सीमित है, परंतु अतिआवश्यक होने पर समिति की सहमति से अन्य समाज के व्यक्तियों को भी संस्थान बिना किसी ब्याज के ऋण प्रदान करती है।
ब्रेन ट्यूमर और कैंसर का इलाज के लिये लिया रकम
एसईसीएल कर्मी हरिशंकर रैकवार पिता गणेश राम रैकवार 60 वर्ष ने सेवा कार्य में होते हुए परिवादिनी तथा उक्त चन्द्र स्वजन कल्याण समिति के अधिकारियों से संपर्क कर अपने साले अर्थात उषा किरण के भाई के ब्रेन ट्यूमर के ईलाज के लिए रकम की मांग की। चूंकि हरिशंकर रैकवार एस.ई.सी.एल. में नौकरी करने वाले सक्षम व्यक्ति हैं, इसलिए समिति के अधिकारियों के द्वारा सर्वसम्मति से आर्थिक सहायता प्रदान करने सहमति दी गई। हरिशंकर रैकवार के द्वारा उक्त ऋण की रकम अपनी पत्नि श्रीमती उषा किरण के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, शाखा कुसमुण्डा के खाता में 12 मई 2019 से 09 दिसम्बर 2019 तक समय-समय पर 19 लाख 60 हजार रूपए तथा दिनांक 07.11.2019 को 850000 रूपए नगद रूप में प्रदान करते हुए कुल 28 लाख 10 हजार रूपए मानवीय धर्म निभाते हुए सहायतार्थ बिना किसी प्रकार के ब्याज के प्रदान किया गया था।
इसके रिश्तेदार के कैंसर रोग के ईलाज हेतु 22 नवम्बर 2020 को 10 लाख रूपए एक वर्ष की समयावधि के भीतर वापस लौटा देने की शर्त पर ली गई, परंतु समयावधि के भीतर रकम वापस नहीं लौटान के कारण श्रीमती उषा किरण के द्वारा 16 दिसम्बर 2021 को परिवादिनी के पक्ष में सहमति से इकरारनामा का निष्पादन पी.के. बजाज, नोटरी से कराया गया।
समय मांगा पर नीयत बिगड़ गई
उक्त उधार लिए गए धनराशि को लौटाने 31 मार्च 2022 तक अतिरिक्त समय मांगा गया। उक्त अवधि तक रकम नहीं लौटाये जाने पर ऊषा किरण ने लेखिका चन्द्रा के नाम पर जारी 10 लाख के चेक को बैंक में प्रस्तुत कर धनराशि का भुगतान प्राप्त करने हेतु सहमति व्यक्त की गई थी। उक्त रकम प्राप्त करने के बाद हरिशंकर रैकवार एवं उषा किरण के द्वारा ऋण की किश्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा था
, जिसके कारण समिति के पदाधिकारियों तथा उनके मध्य 29 अक्टूबर 2022 को रकम लेन-देन का आपसी ईकरारनामा गवाहों के समक्ष नोटरी पी.के. बजाज के कार्यालय में निष्पादित किया गया। जिसमें हरिशंकर रैकवार तथा उषा किरण के द्वारा 26 जनवरी 2023 तक दो किश्तों में संपूर्ण रकम लौटा देने का वचन दिया गया था किन्तु दोनों व्यक्तियों के द्वारा किसी भी प्रकार के रकम का भुगतान नहीं किया गया, तथा रूपए की मांग किए जाने पर लगातार घुमाया जाता रहा।
रिटायरमेंट के बाद ताला लगाकर फरार हुए
हरिशंकर रैकवार के द्वारा समिति को सूचना दी गई कि वह 30 जून 2025 को एस.ई.सी.एल. की अपनी नौकरी से रिटायर हो रहा है, जिसके बाद मिलने वाले पैसे से वह समिति की धनराशि को एकमुश्त ही चुका देगा अर्थात उसके द्वारा परिवादिनी लेखिका चन्द्रा तथा समिति के अध्यक्ष कमलेश कुमार चंद्रा के नाम पर दिए गए 10-10 लाख के 4 चेक को रिटायरमेंट पर मिलने वाली विभागीय एकमुश्त धनराशि उसके खाते में जमा होने से बैंक में चेक प्रस्तुत करने पर उसका भुगतान प्राप्त हो जाएगा, ऐसा आश्वासन अध्यक्ष कमलेश कुमार चंद्रा को दिया गया।
यह आश्वासन देने के कुछ दिनों के बाद से ही उषा किरण तथा हरिशंकर रैकवार के निवास मकान पर ताला लगा हुआ है तथा उनका फोन भी नहीं लग रहा है, जिसके पश्चात समिति को यह आशंका हुई कि, वे लोग समिति को झांसा लेकर रकम वापस करने की फिराक में नहीं हैं तथा उनकी मंशा संपूर्ण रकम हड़प कर जाने की है।
जारी किए सभी चेक को छलपूर्वक बैंक से निरस्त कराया
उक्त स्थिति के कारण मजबूर होकर परिवादिनी द्वारा समिति की ओर से अधिकृत होकर उक्त दोनों व्यक्तियों के विरूद्ध थाना कुसमुण्डा में शिकायत प्रस्तुत की गई। समिति की धनराशि की वसूली हेतु ऊषा किरण के भारतीय स्टेट बैंक, शाखा विकास नगर कुसगुण्डा, के खाता का चेक 04 जुलाई 2025, रकम 10 लाख को अपने खाते में भुगतान प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया गया, जिसे बैंक द्वारा खाताधारी / चेक जारीकर्ता के द्वारा चेक का भुगतान नहीं किए जाने का निर्देश होने के कारण उसका उल्लेख करते हुए स्टाप पेमेंट की टीप के साथ चेक अनादरित कर लौटा दिया गया, तथा लिखित में यह जानकारी दी गई कि 20 अगस्त 2022 को उषा किरण के निर्देश पर उसके खाते की चेक बुक से जारी समस्त चेक को निरस्त कर दिया गया है,
तथा छलपूर्वक अपने अकाउंट से चेक जारी होने की जानकारी होने के बावजूद छलपूर्वक नॉन चेक बुक अकाउंट में परिवर्तित करा लिया गया। जबकि उक्त सभी चेक का उल्लेख रकम लेन-देन संबंधी इकरारनामा में है, जो जारी करने के दौरान उक्त चेक कार्यशील/चालू थे। इन्हें एक राय होकर रकम हड़प कर जाने की नीयत से तथा चेक जारी होने की जानकारी होने के बावजूद जानबूझकर दिनांक 20 अगस्त 2022 को बैंक में आवेदन देकर संपूर्ण चेक बुक को ही रद्द करा लिया गया।
अपनी तरफ से 1.90 लाख देने का वादा
यह कि परिवादी को अभियुक्तगण से कुल 38 लाख 10 हजार रूपए ही लेना है, परंतु अभियुक्तगण के द्वारा परिवादी के मांग किए बिना ही समिति से लिए ऋण स्वरूप रकम के वापस भुगतान में हुए देरी के एवज में क्षतिपूर्ति हेतु 1 लाख 90 हजार रूपए को चेक की राशि में जोड़कर प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया गया था।
पुलिस ने दर्ज किया अपराध
न्यायिक मजिस्ट्रेट वरिष्ठ श्रेणी कटघोरा ने धारा 175 (3) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अर्थात पुरानी धारा 156 (3) द.प्र.सं. में धारा 318 (4), 3(5) भारतीय न्याय संहिता 2023 अर्थात पुरानी धारा 420, 34 भा.द. वि. के अंतर्गत अपराध दर्ज किए जाने हेतु सक्षम पुलिस थाने को आदेश प्रदान किया।
न्यायालय के आदेश उपरांत शासन की ओर से ASI रविंद्रनाथ की रिपोर्ट पर थाना कुसमुण्डा में आरोपी हरी शंकर रैकवार व उसकी पत्नी उषा किरण मूल निवासी वार्ड नंबर 10 झगराखण्ड कॉलरी कालोनी, जी.एम. आफिस से पहले, खिड़िया टाकिज के पास, मनेन्द्रगढ़, पोस्ट व थाना मनेन्द्रगढ़, जिला- कोरिया (छत्तीसगढ़) के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5), 318(4) के तहत जुर्म दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है।