पशु पालन विभाग में औषधि खरीदी में अरबों का घोटाला, ननकीराम की शिकायत पर जांच शुरू

कोरबा। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने शिकायत की है कि पशु पालन विभाग में 10 प्रतिशत की खरीदी की जा रही है और भुगतान पूरा 100 प्रतिशत किया जा रहा है। औषधि खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद विभाग हरकत में आ गया है। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए 6 सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है और टीम को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
ननकीराम कंवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल से लेकर अब तक पशु चिकित्सा विभाग में नियमों को ताक पर रखकर अरबों रुपये की दवाइयों की खरीदी की गई है। जिलों के उपसंचालकों के माध्यम से वैक्सीन, औषधि और सप्लीमेंट की खरीदी भंडार क्रय नियमों के विपरीत की जाती रही है।
इस तरह की गई गड़बड़ी
शिकायत में कहा गया है कि वास्तविकता में 10 फीसदी खरीदी होने के बावजूद फर्जी बिल बनाकर 100 फीसदी खरीदी का भुगतान डीलरों को किया जाता है। आरोप है कि डीलरों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह धांधली लंबे समय से चल रही है। ननकीराम कंवर ने मांग की है कि दवाइयों की खरीदी सीधे निर्माता कंपनियों से निविदा प्रक्रिया के आधार पर हो, ताकि गुणवत्तापूर्ण औषधि मिले और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि फर्जी बिलों के जरिये करोड़ों रुपये की रकम डीलरों और संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाती है। इसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की गई है।
जांच टीम में इन्हें किया गया है शामिल
संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने मामले में जांच टीम गठित कर दी है। टीम की अध्यक्षता अपर संचालक और राज्य पशुधन विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. लक्ष्मी अजगल्ले कर रही हैं। टीम में संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं बीपी सतनामी, प्रभारी संचालक पशु चिकित्सा परिषद डॉ. एसएन मिश्रा, सहायक शल्यज्ञ डॉ. सुधीर पंचभाई, सहायक लेखा अधिकारी योगिता कोसिमा और सहायक ग्रेड-2 आकाश दास शामिल हैं।
टीम को सात दिन के भीतर तथ्यात्मक जांच प्रतिवेदन सहित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।