जल संसाधन विभाग में टेंडर घोटाले की आहट, चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप…

रायपुर। जल संसाधन विभाग में एक बड़े टेंडर घोटाले की आशंका जताई गई है। आरोप है कि विभाग के कुछ अधिकारी चहेते ठेकेदारों को ठेका दिलाने के लिए ई-टेंडर की शर्तों में मनमाने तरीके से बदलाव कर रहे हैं। ऐसा ही मामला शिवनाथ सिंचाई मंडल, दुर्ग में सामने आया है, जहां प्री-क्वालिफिकेशन शर्तों को बदले जाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है।
शिकायत के अनुसार, सीएम से की गई शिकायत के मुताबिक विभागीय तकनीकि निर्देश क्र. 038/BODHI/TC/2003 रायपुर दिनांक 29.04.2015 में जल संसाधन विभाग के सभी उच्च अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर करते हुए उपरोक्त निर्देश पत्र जारी किया गया था। जिस नहर पर सीमेंट कांक्रीट पेवर लाइनिंग कार्य का टेंडर डाला गया है, उसका डिस्चार्ज 10 क्यूमेक्स से कम है और चौड़ाई भी 3 मीटर से कम बताई जा रही है।
नियमानुसार इस स्थिति में पेवर लाइनिंग की आवश्यकता नहीं होती। आरोप है कि यह शर्त केवल चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए जोड़ी गई है। कि ये निविदा 1 सितंबर को दोबारा बुलाई गई। जिसकी 11 सितंबर को अंतिम तारीख है।
शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की जानकारी जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रशासनिक अफसरों और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दी है। उनका कहना है कि वर्षों से लाइनिंग का कार्य कर रहे अनुभवी ठेकेदारों को इस टेंडर से बाहर कर दिया गया है, जिससे प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी और ऊंचे दर पर निविदा भरकर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जाएगा।
मामले में बताया गया है कि पहले कॉल में सिर्फ एक ठेकेदार ने निविदा डाली थी, आरोप है कि इस बार भी सिर्फ वही ठेकेदार ऊंचे दर पर बोली लगाएगा, जिससे टेंडर उसी को मिलेगा और विभाग को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा करता है। उन्होंने मांग की है कि टेंडर की शर्तों से पेवर लाइनिंग की शर्त और मात्रा को हटाया जाए तथा निविदा प्रक्रिया में संशोधन कर निष्पक्ष जांच कराई जाए।