ठुसेकेला हत्याकांड,आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़। रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र के ठुसेकेला गांव में हुए सनसनीखेज चारहरे हत्याकांड का पुलिस ने मात्र 48 घंटे में खुलासा कर दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या के पीछे पड़ोसी लकेश्वर पटैल की रंजिश और चरित्र शंका कारण बनी। आरोपी ने एक नाबालिग के साथ मिलकर बुधराम सिदार और उसके पूरे परिवार की निर्मम हत्या की।
ऐसे हुआ खुलासा
11 सितंबर को ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि बुधराम उरांव (42) के घर से खून के धब्बे दिख रहे हैं। जब पुलिस ने जांच की तो बुधराम, उसकी पत्नी सहोद्रा (37) और दोनों बच्चों अरविंद (12) व शिवांगी (5) के शव बाड़ी में खाद के गड्ढे से बरामद हुए। धारदार हथियार से हत्या की पुष्टि पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया।
रेंज आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और एसपी दिव्यांग कुमार पटेल ने मौके का निरीक्षण किया और अलग-अलग थानों की संयुक्त टीमें बनाकर जांच शुरू की। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने पड़ोसी लकेश्वर पटैल पर शक किया। पूछताछ में उसने जुर्म स्वीकार कर लिया।
हत्या की वजह
आरोपी लकेश्वर पटैल राजमिस्त्री है और मृतक बुधराम भी राजमिस्त्री का काम करता था। दोनों के बीच कई विवाद रहे। लकेश्वर, बुधराम की जमीन खरीदना चाहता था, लेकिन उसे बार-बार मना कर दिया गया। छह माह पहले लकेश्वर के बेटे की चोरी की घटना को भी बुधराम ने पकड़ लिया था। इसके अलावा वह बुधराम के चरित्र पर भी शक करता था। इन सब कारणों से उसने पूरे परिवार की हत्या की साजिश रची।
हत्या की वारदात
9 सितंबर की रात नशे की हालत में मिले बुधराम को देखकर लकेश्वर और नाबालिग साथी उसके घर घुसे और सो रहे परिवार पर हमला कर दिया। धारदार हथियार से चारों की हत्या करने के बाद शवों को घर में दफनाने की कोशिश की गई, लेकिन जमीन सख्त होने के कारण नाकाम रहे। बाद में शवों को घसीटकर बाड़ी में खाद के गड्ढे में डाल दिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों से घटनास्थल पर री-क्रिएशन कराया और उनके मेमोरेंडम पर टंगिया, रॉड, गैंती, फावड़ा और खून से सने कपड़े जब्त किए। मुख्य आरोपी लकेश्वर पटैल को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया, जबकि नाबालिग को किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई में लिया गया है।
गिरफ्तार आरोपी
लकेश्वर पटैल पिता बंशी लाल पटैल, उम्र 32 वर्ष, निवासी राजीव नगर, ठुसेकेला – पूर्व में भी हत्या के अपराध में सजा काट चुका।
विधि के साथ संघर्षरत बालक (नाबालिग)