छत्तीसगढ़

NGO घोटाला: CBI का समाज कल्याण विभाग के दफ़्तर पर छापा

रायपुर ।  छत्तीसगढ़ में कथित IAS-NGO घोटाले की जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने सोमवार को राजधानी रायपुर में माना स्थित समाज कल्याण विभाग के दफ़्तर पर छापा मारा। भोपाल से पहुंची चार सदस्यीय टीम ने विभाग से घोटाले से जुड़ी कई अहम फाइलें और दस्तावेज़ ज़ब्त किए।

दो घंटे तक चली छापेमारी, उप संचालक से पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, CBI की टीम सुबह करीब 10 बजे विभाग के दफ़्तर पहुंची और लगभग दो घंटे तक तलाशी और दस्तावेज़ों की जांच की।
इस दौरान विभाग की संचालक अनुपस्थित रहीं, लेकिन CBI अधिकारियों ने उप संचालक से विस्तृत बातचीत कर फंड आवंटन और NGO से जुड़े मामलों की जानकारी ली।

तलाशी के बाद CBI टीम कई फाइलों और दस्तावेज़ों के बंडल अपने साथ लेकर रवाना हुई।

1000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप
यह छापा उस कथित 1000 करोड़ रुपये से अधिक के IAS-NGO घोटाले से जुड़ा है, जिसमें राज्य के कुछ वर्तमान और सेवानिवृत्त IAS अधिकारियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं।

सूत्रों का कहना है कि दिव्यांग कल्याण योजनाओं के नाम पर बने कुछ फर्जी NGO के ज़रिए सरकारी फंड को ग़लत तरीके से निकाल लिया गया।

इन संस्थानों में प्रमुख रूप से स्टेट रिसोर्स इंस्टीट्यूट (राज्य स्रोत निशक्तजन संस्थान) का नाम सामने आया है, जो जांच के घेरे में है।

दूसरी बार विभाग में दबिश
जानकारी के अनुसार, यह दूसरी बार है जब CBI ने समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पर छापा मारा है। इससे संकेत मिल रहा है कि जांच एजेंसी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और अब सबूतों को पुख्ता करने में जुटी है।

वहीं, विभाग के अधिकारी इस कार्रवाई पर मीडिया से कोई भी टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में CBI कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। जांच एजेंसी का फोकस अब उन खातों और NGO नेटवर्क पर है, जिनके माध्यम से सरकारी फंड का कथित रूप से ग़लत उपयोग किया गया।

 

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