छत्तीसगढ़

गेवरा खदान विवाद: अधिकारी और ग्रामीण के बीच मारपीट, दोनों पक्षों पर केस दर्ज

कोरबा। एसईसीएल की गेवरा खदान के विस्तार से जुड़े रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास के मुद्दों पर सोमवार को भिलाईबाजार में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।

बैठक के बाद माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया जब एसईसीएल अधिकारी शिखर सिंह चौहान और ग्राम भिलाईबाजार के निवासी आशीष पाटले के बीच विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई।

जानकारी के अनुसार, भिलाईबाजार के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित बैठक में प्रभावित ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों और एसईसीएल प्रबंधन के बीच रोजगार, मुआवजा, परिसंपत्तियों के मूल्यांकन और पुनर्वास को लेकर चर्चा हुई। लेकिन कुछ प्रमुख मांगों पर सहमति न बनने से बैठक बिना परिणाम के समाप्त हो गई।

बैठक के बाद बिगड़ा मामला

बैठक खत्म होते ही एसईसीएल अधिकारी और ग्रामीण के बीच कहासुनी हुई, जो मारपीट में बदल गई। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने हरदीबाजार थाना पहुंचकर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

वहीं, एसईसीएल अधिकारी ने भी ग्रामीण पर हमला करने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीण आशीष पाटले ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने गाली-गलौज करते हुए उस पर हमला किया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।

गौरतलब है कि इससे पहले 11 अक्टूबर को ग्रामसभा में भूविस्थापितों ने तय किया था कि जब तक रोजगार और मुआवजे की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक सर्वेक्षण कार्य नहीं होने दिया जाएगा। अब त्रिपक्षीय वार्ता विफल होने और विवाद के बाद ग्रामीणों में रोष और बढ़ गया है।

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