बोनस घोटाले पर फूटा गुस्सा — SECL दीपका मुख्यालय में ड्राइवरों का बवाल, “बोनस दो या ट्रांसपोर्ट रोको!

दीपका । दीवाली से पहले दीपका में मजदूरों का गुस्सा फट पड़ा! दक्षिण पूर्व कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर आज सुबह से ही माहौल गर्म रहा, जब जय अंबे रोडलाइंस के ड्राइवरों ने बोनस भुगतान में देरी को लेकर जोरदार हंगामा किया। “हमारी मेहनत का पैसा दो, नहीं तो ट्रांसपोर्ट बंद करो!” जैसे नारों से पूरा SECL परिसर गूंज उठा।
इस उग्र प्रदर्शन का नेतृत्व छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश संगठन मंत्री उमागोपाल ने किया, जिन्होंने मजदूरों के बीच खड़े होकर कहा “यह सिर्फ बोनस का सवाल नहीं, यह इंसाफ की लड़ाई है! जब मजदूर पसीना बहा रहे हैं, तब प्रबंधन एसी ऑफिस में बैठकर वादे तोड़ रहा है — अब ये नहीं चलेगा!”
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कंपनी ने दीवाली से पहले बोनस देने का वादा किया था, मगर अब तक एक रुपया भी नहीं मिला। “हम कोयला ढोते हैं, लेकिन हक के पैसे के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है,” एक ड्राइवर ने आक्रोश में कहा।
क्रांति सेना ने GM को सौंपा कड़ा ज्ञापन।
उमागोपाल के नेतृत्व में मजदूरों ने SECL के मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई “अगर 48 घंटे के भीतर बोनस का भुगतान नहीं किया गया, तो पूरे दीपका क्षेत्र की कोयला परिवहन सेवाएं ठप कर दी जाएंगी।”
ज्ञापन में बोनस के अलावा समय पर वेतन, सुरक्षा उपकरण और कार्यस्थल की स्वच्छता जैसी मांगें भी शामिल की गईं।
प्रबंधन के बचाव में बयान, लेकिन मजदूर अड़े
सूत्रों के अनुसार, SECL प्रबंधन ने कहा कि मामला “कंपनी स्तर पर” है और जल्द समाधान का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बातचीत से साफ इनकार करते हुए कहा कि “बोनस पहले, बात बाद में।”
श्रम विभाग तक गूंजा मामला
मजदूरों ने श्रम विभाग से भी हस्तक्षेप की मांग की है। पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट, 1965 के तहत हर योग्य कर्मचारी को न्यूनतम 8.33% बोनस देना अनिवार्य है, मगर दीपका में यह नियम ठेकेदारों और प्रबंधन की मिलीभगत में दम तोड़ता दिख रहा है।
स्थानीयों का आक्रोश — “दीपका बना अन्याय का अड्डा”
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि SECL प्रबंधन का रवैया मजदूरों के प्रति उदासीन है। “हर साल बोनस को लेकर यही ड्रामा होता है, लेकिन इस बार आवाज बुलंद हो गई है,” एक वरिष्ठ श्रमिक नेता ने कहा।
स्थिति तनावपूर्ण — आंदोलन के और उग्र होने की चेतावनी ।
फिलहाल SECL दीपका क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है। प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है, लेकिन मजदूरों का कहना है “अगर हमारा हक नहीं मिला, तो दीपका की हर गाड़ी रुक जाएगी, और जिम्मेदारी SECL की होगी!”
यह आंदोलन अब सिर्फ ड्राइवरों तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे ठेका मजदूर वर्ग के बीच “बोनस क्रांति” की चिंगारी बन चुका है।