छत्तीसगढ़

पटाखा फैक्ट्री बारूद की ढेर पर बैठकर काम कर रहे थे मजदूर

बिलासपुर । बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नियमों को ताक पर रखकर पटाखा फैक्ट्री को संचालक ने बंद कर दिया है। दैनिकभास्कर की खबर के बाद शुक्रवार को राजस्व विभाग की टीम फैक्ट्री पहुंची तो केवल अकेले चौकीदार नजर आया। जबकि, काम करने वाले मजदूर, पटाखा बनाने के लिए रखे बारूद सहित सारा सामान गायब कर दिया गया था।

टीम खाली फैक्ट्री की जांच कर लौट आई है। वहीं, संचालक को बयान दर्ज कराने के लिए तहसील ऑफिस तलब किया गया है।

 

 

 

दरअसल, गुरुवार को दैनिक भास्कर की टीम ने सरकंडा क्षेत्र के ग्राम बैमा में संचालित पटाखा फैक्ट्री की रियलिटी चेक की। इस दौरान रिपोर्टर ग्राहक बनकर फैक्ट्री पहुंचा था। यहां जंग लगे पुराने लोहे के गेट के पास एक चौकीदार का घर था।

 

आवाज लगाने पर चौकीदार कृष्ण कुमार सूर्यवंशी बाहर आया। जिस जगह पर चौकीदार रहता है, उसके बरामदे और कमरे के पास सोरा (अमोनियम क्लोराइड), गंधक और अन्य विस्फोटकों से भरी बोरियां खुले में पड़ी थीं। यह सामग्री बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के खुले बरामदे में रखी गई थी।

 

 

दूसरे दिन फैक्ट्री बंद, गायब मिले मजदूर

इस दौरान प्लाटनुमा फैक्ट्री के छोटे-छोटे कमरों में 10-12 मजदूर काम कर रहे थे। 6-7 युवक बिना किसी सुरक्षा के बारूद के ढेर पर बैठकर सुतली बम बना रहे थे। दूसरे कमरों में कैमिकल की बोरियां और पटाखों के कार्टून भी रखे थे। दैनिकभास्कर की खबर के बाद शुक्रवार को राजस्व विभाग की टीम फैक्ट्री पहुंची, तब उन्हें कुछ नहीं मिला।

मजदूर गायब थे और फैक्ट्री को बंद करा दिया गया था। केवल एक चौकीदार मिला। वहीं, कमरों में रखे बारूद, पटाखा सहित केमिकल और सामान खाली करा लिया गया था।

बारूद की जगह मिला अग्निशमन उपकरण

गुरुवार को फैक्ट्री में पटाखा बनाने के लिए सोरा (अमोनियम क्लोराइड), गंधक और अन्य विस्फोटकों से भरी बोरियां खुले में पड़ी थीं। यह सामग्री बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के खुले बरामदे में रखी गई थी। वहीं, बगैर किसी सुरक्षा व्यवस्था के मजदूर युवक काम कर रहे थे। उसी जगह पर शुक्रवार को विस्फोटक सामान गायब मिले। फैक्ट्री संचालक ने अग्निशमन उपकरण भी लाकर रख दिया था।

 

 

तहसीलदार ने देखा खाली फैक्ट्री, सुरक्षा मानक नाकाफी

शुक्रवार को तहसीलदार मनीषा झा और नायब तहसीलदार राहुल साहू सहित राजस्व विभाग की टीम दोपहर करीब 12 बजे जांच के लिए फैक्ट्री पहुंची। पांच एकड़ परिसर में सिर्फ चौकीदार था। सामने गेट पर न तो फायर वकर्स फैक्ट्री का बोर्ड लगा था और न ही सुरक्षा के उपाय थे। हालांकि, इस दौरान फैक्ट्री में काम बंद था। किसी कमरे में न बारूद था, न कैमिकल।

 

जहां पहले कैमिकल और चारकोल पाउडर के बोरे रखे थे, वहां अब सिर्फ धूल और बारूद का चूरा पड़ा मिला। जांच अधिकारी को एक कमरे में तीन फायर एक्सटिंग्विशर मिले, बाकी कमरों में भी पर्याप्त व्यवस्था थी। चौकीदार ने कहा काम कुछ दिनों से बंद है।

 

दूसरे के नाम पर लाइसेंस, कोई और कर रहा संचालन

फैक्ट्री के दस्तावेजों में फायरवर्क्स प्रोडक्शन का लाइसेंस चांटीडीह के मोहम्मद सलीम के नाम पर मिला। जबकि फैक्ट्री का संचालन इमरान खान उर्फ पप्पी कर रहा था। बताया जा रहा है कि पिछले 10 महीनों से यह फैक्ट्री चोरी-छिपे चल रही थी। यहां हजारों सुतली बम बनाकर थोक ग्राहकों को बेचे जा चुके हैं।

दो माह पहले बड़े पैमाने पर चल रहा था काम

यह भी बताया जा रहा है कि दो माह पहले फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर काम चल रहा था। मजदूर यहां सुतली बम से लेकर बड़े बम और फुलझड़ियों के साथ ही फैन्सी पटाखे बना रहे थे। दरअसल, पटाखों की डिमांड नवरात्र पर्व से ही शुरू हो जाती है। साथ ही पटाखा दुकान संचालक पहले से आर्डर देकर पटाखा मंगा लेते हैं। यही वजह है कि यहां बड़ी मात्रा में पटाखों का निर्माण चल रहा था, जो अब गोदाम और दुकानों तक पहुंच गया है।

 

 

नायब तहसीलदार बोले- संचालक का बयान लेने के बाद देंगे रिपोर्ट
नायब तहसीलदार राहुल साहू ने बताया कि तहसीलदार मैडम के साथ टीम जांच के लिए बैमा फैक्ट्री गई थी। वहां चौकीदार को छोड़कर कोई नहीं मिला। न पटाखे थे, न कैमिकल। दस्तावेजों में लाइसेंस चांटीडीह के मोहम्मद नामक व्यक्ति के नाम पर पाया गया है। पटाखे बनाते मजदूरों का वीडियो भी उन्होंने देखा है। इस मामले में फैक्ट्री संचालक का बयान लिया जाएगा, जिसके बाद जांच रिपोर्ट एसडीएम को सौपी जाएगी।

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