इलाज में लापरवाही से मौत के मामले में निजी हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर और स्टाफ पर FIR दर्ज

झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप
कोरबा। तीन साल पहले इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत के मामले में जेके हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने जांच और विधिक राय मिलने के बाद यह कार्रवाई की है।
जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम करनौद निवासी संतोष कुमार डंडसेना (47) को 13 मार्च 2022 की शाम आईटीआई रामपुर स्थित जेके हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसी रात उसकी मौत हो गई थी।
मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। इस मामले में जिला अस्पताल की टीम ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर जांच की। जांच में पाया गया कि मौत लापरवाही पूर्ण इलाज के कारण हुई थी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने जांच और विधिक राय मिलने के बाद यह कार्रवाई की है।
झोलाछाप डॉक्टर है जे के लहरे
बता दें कि जेके हॉस्पिटल का कर्ता धर्ता जे के लहरे है, जो खुद को डॉक्टर बताकर बीते 2 दशक से दवाखाना खोलकर लोगों का इलाज कर रहा है। उसने बड़ी ही चालाकी से शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर को संचालक बताकर अपने अस्पताल का नर्सिंग एक्ट के तहत पंजीयन कर लिया था, और मरीजों का इलाज खुद करता था। उसकी ही लापरवाही के चलते एक मरीज की जान चली गई। इस घटना के 3 साल बाद मामले में संचालक के अलावा जे के लहरे और स्टाफ के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है।
वैसे यह भी बता दें कि मरीज की मौत के बाद लहरे अब भी बेधड़क अपना अस्पताल चला रहा है, जबकि उसके अस्पताल का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजीयन करना ही गलत था, क्योंकि वह नर्सिंग एक्ट के प्रावधानों का पूरी तरह पालन ही नहीं करता है।



