छत्तीसगढ़

फर्जी जाति प्रमाण पत्र विवाद में घिरीं बीजेपी विधायक, कलेक्टर ने भेजा नोटिस

सूरजपुर । प्रतापपुर सीट से भाजपा विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में जिला कलेक्टर ने उन्हें नोटिस जारी किया है।

कलेक्टर कार्यालय से जारी निर्देश के अनुसार विधायक को अपने जाति प्रमाण पत्र से जुड़े सभी मूल दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना होगा। इस मामले में 27 नवंबर को छानबीन समिति सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह जांच आगे बढ़ाई जा रही है।

आदिवासी समाज ने लगाया फर्जी प्रमाण पत्र का आरोप

बीते दिनों आदिवासी समाज की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया गया था कि विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते ने गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाया। समाज का कहना था कि जाति प्रमाण पत्र पिता पक्ष से बनता है, जबकि विधायक ने पति पक्ष के आधार पर दस्तावेज तैयार कर आदिवासी आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा। इसी आधार पर मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच

गोंड समाज की जयश्री सिंह ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने 17 जून 2025 को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद जिला स्तरीय सत्यापन समिति, बलरामपुर ने विधायक को तीन बार नोटिस जारी किया और दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा।

जांच की परंपरा पहले भी चर्चा में रही

छत्तीसगढ़ में जाति जांच को लेकर यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके परिवार की जाति संबंधी जांच वर्षों तक चली और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

फिलहाल शकुंतला सिंह पोर्ते को 27 नवंबर की सुनवाई में अपने दस्तावेज पेश करने होंगे। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जांच समिति आगे क्या कदम उठाती है।

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