CG शराब घोटाला: ‘सेटिंग’ के लिए पूर्व आबकारी आयुक्त को मिलते थे 50 लाख

ईओडब्ल्यू ने 7 हजार पन्नों का पूरक चालान पेश किया
रायपुर । छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में बड़ा अपडेट सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण संगठन ने पूरक चार्जशीट अदालत में दाखिल की है।
यह लगभग 7 हजार पन्नों की है। मामले में अब तक करीब 50 आरोपियों पर चार्जशीट दायर की जा चुकी है।
चार्जशीट के मुताबिक पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास ने अपने तीन साल के कार्यकाल में जानबूझकर नीतियों और अधिनियम में ऐसे बदलाव किए जिनसे कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा मिला। विभागीय टेंडरों में हेरफेर और प्रबंधन में गड़बड़ी के भी सबूत सामने आए हैं।
सेटिंग के बदले मिलते थे महीने के 50 लाख
दस्तावेज बताते हैं कि अनिल टूटेजा और अनवर ढेबर को फायदा पहुंचाने के लिए की गई इस सेटिंग के बदले निरंजन दास को हर महीने लगभग 50 लाख रुपये मिलते थे।
जांच में उनके पास 16 करोड़ रुपये की अवैध कमाई के आरोप दर्ज हुए हैं, जो कथित तौर पर उनके और परिजनों के नाम पर संपत्तियों में निवेश की गई। आगे की जांच में यह राशि बढ़ने की संभावना जताई गई है।
114 करोड़ का कमीशन और 1000 करोड़ से अधिक की अवैध रकम का संचालन
अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा पर कंपनियों और सिंडिकेट के बीच बिचौलिये की भूमिका निभाने का आरोप है। चार्जशीट में दावा है कि इनके जरिए लगभग 114 करोड़ रुपये का कमीशन सिंडिकेट तक पहुंचा।
नितेश पुरोहित और यश पुरोहित पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले से मिली रकम को होटल गिरिराज में छुपाने और एक स्थान से दूसरी जगह ले जाने में मदद की। दोनों अनवर ढेबर के करीबी माने जाते हैं।
इनके जरिए लगभग 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि का संचालन हुआ।
गलत लाइसेंस नीति के चलते राज्य सरकार को लगभग 530 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
हवाला लेन-देन और संपत्ति निवेश के आरोप
चार्जशीट में दीपेन चावड़ा की भूमिका भी सामने आई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सिंडिकेट की रकम को छुपाने, हवाला के जरिए पहुंचाने और शीर्ष व्यक्तियों तक पैसा भेजने का काम किया।
Qवह “AJS एग्रो” कंपनी के डायरेक्टर पद पर थे, जिसके माध्यम से जमीन और अन्य संपत्तियों में करोड़ों रुपये का निवेश किए जाने का दावा है।
सभी आरोपी इस समय केंद्रीय जेल रायपुर में बंद हैं। ईओडब्ल्यू जांच जारी है और एजेंसी का कहना है कि आगे और खुलासे संभव हैं।



