छत्तीसगढ़

रेलवे नोटिस के विरोध में कोरबा में उग्र प्रदर्शन : विस्थापन व मुआवजे की मांग

कोरबा  –  शहर के इंदिरा नगर बस्ती में रेलवे प्रशासन द्वारा लगभग 250 परिवारों को मकान खाली करने का नोटिस जारी किए जाने के बाद विरोध तेज हो गया है। नोटिस के खिलाफ आक्रोशित बस्तीवासियों ने मंगलवार को शहर के मुख्य चौक (पवन टॉकीज के पास) अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। सैकड़ों लोगों के धरने पर बैठने से चौक के चारों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई

रेलवे प्रशासन द्वारा सोमवार से इंदिरा नगर बस्ती में मकानों पर खाली कराने के निशान लगाए जाने के बाद लोगों में नाराजगी फैल गई थी। इसके विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में बस्तीवासियों ने रेलवे स्टेशन परिसर का घेराव कर प्रदर्शन किया था। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अपनी रणनीति बदलते हुए मंगलवार को शहर के सबसे व्यस्त मुख्य चौक पर धरना शुरू कर दिया।

धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि वे बिना सही सीमांकन, मुआवजा और विस्थापन व्यवस्था के अपने घर खाली नहीं करेंगे। वार्ड पार्षद तामेश अग्रवाल ने बताया कि प्रभावित परिवारों की मांग है कि रेलवे पहले जमीन का स्पष्ट सीमांकन करे और इसके बाद पुनर्वास (Rehabilitation) की पूरी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि रेलवे प्रशासन द्वारा उन्हें तत्काल मुआवजा (Compensation) दिया जाए और मकान हटाने से पहले रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए। लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने कहा कि पूर्व में रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि दी गई थी। उन्होंने मांग की कि इंदिरा नगर के प्रभावित परिवारों को भी उसी तरह मुआवजा दिया जाए और उन्हें पहले वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए। फिलहाल धरने के कारण मुख्य चौक पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन की ओर से किसी ठोस निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।

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