ओडिशा का धान छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में खपाने की कोशिश नाकाम

कलेक्टर और एसपी के निर्देश पर देर रात हुई बड़ी कार्रवाई, कोचियों और बिचौलियों में मचा हड़कंप
धान खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए सीमा क्षेत्रों में 24 घंटे सतत निगरानी
रायगढ़। राज्य शासन की खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 की धान खरीदी नीति का सुचारू, पारदर्शी एवं व्यवस्थित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए रायगढ़ जिला प्रशासन की पूरी टीम सख्ती के साथ कार्रवाई कर रही है। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के सख्त निर्देश पर जिले में अवैध धान भंडारण एवं परिवहन पर 24 घंटे सतत निगरानी रखी जा रही है।
इसका सीधा असर सीमा क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, जहां मंगलवार की देर रात को प्रशासन की टीम ने ओडिशा का धान छत्तीसगढ़ में खपाने की कोशिश को नाकाम कर दिया।
अवैध रूप से छत्तीसगढ़ की सीमा पर धान का अवैध परिवहन करने वाले दो माल वाहक गाड़ी पिकअप चालक सुनील कुमार यादव व निरंजन यादव और दो कोचियों शेखर जायसवाल व कृष्णा जायसवाल पर एफआईआर दर्ज करा दी गई है तथा 120 कट्टा धान जब्त कर लिया गया है। इस कार्यवाही से धान के अवैध परिवहन और भंडारण में लिप्त धान कोचियों और बिचौलियों में हड़कंप मच गया है।
इधर, कलेक्टर ने धान खरीदी कार्य में लगे अमले को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का दुरुपयोग करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार को देर रात को डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर की संयुक्त टीम द्वारा पाकरगांव से लैलूंगा मार्ग पर औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान वाहन क्रमांक OD15N 9399 एवं OD16N 3755 को रोका गया।
जांच में पाया गया कि दोनों वाहन चालक श्री सुनील कुमार यादव, निवासी ग्राम जमुना एवं श्री निरंजन यादव, निवासी ग्राम डोंगादरहा बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चला रहे थे। वाहनों की तलाशी लेने पर प्रत्येक वाहन में 60-60 बोरी, कुल 120 बोरी धान बिना किसी वैध दस्तावेज के परिवहन करते हुए पाया गया। पूछताछ में बताया गया कि लैलूंगा निवासी श्री शेखर जायसवाल एवं श्री कृष्णा जायसवाल द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा था। इनके द्वारा अवैध रूप से धान खपाने की कोशिश की जा रही थी।
प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उक्त धान को अन्य किसानों के नाम पर धान उपार्जन केंद्रों में विक्रय करने की मंशा थी, जिससे शासन को आर्थिक क्षति पहुंच सकती थी।
उल्लेखनीय है कि वाहन क्रमांक OD16N 3755 को पूर्व में भी 10 दिसंबर 2025 को 69 बोरी अवैध धान परिवहन के मामले में प्रभारी तहसीलदार मुकडेगा द्वारा जब्त किया गया था, जिसे 15 दिसंबर 2025 को कृषि उपार्जन मंडी समिति घरघोड़ा द्वारा मुक्त किया गया था।
इसके बावजूद उक्त वाहन पुनः अवैध धान परिवहन करते हुए पकड़ा गया, जिससे आरोपितों की मंशा स्पष्ट हो गई। जांच में यह भी सामने आया कि ओडिशा राज्य के धान को छत्तीसगढ़ के किसानों के नाम पर उपार्जन केंद्रों में बेचकर लगभग 1 लाख 86 हजार रुपये की शासकीय राशि अवैध रूप से प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा था।
यह कृत्य संचालनालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण द्वारा जारी निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है और भारतीय न्याय संहिता के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। प्रशासन द्वारा दोनों वाहनों को धान सहित जब्त कर थाना परिसर में सुरक्षित रखा गया है तथा संबंधित वाहन चालकों एवं मौके पर उपस्थित व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इस संबंध में धान खरीदी के नोडल अधिकारी ने बताया कि जिले में धान खरीदी व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए 24 घंटे सघन निगरानी जारी है। धान के अवैध भंडारण, परिवहन अथवा फर्जी विक्रय में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले की सीमा ओडिशा राज्य से लगी होने तथा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य दिए जाने के कारण कोचिया एवं बिचौलियों द्वारा बाहरी राज्य से धान लाकर जिले के उपार्जन केंद्रों में खपाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। हालांकि, प्रशासन की कड़ी निगरानी और सतत जांच के चलते ऐसे प्रयासों पर प्रभावी रोक लगाई जा रही है।



