CMD कार्यालय बिलासपुर के सामने 20 नवंबर को भू विस्थापित प्रदर्शन कर करेंगे घेराव

अर्जन के बाद जन्म और छोटे खातेदारों को रोजगार देना होगा :किसान सभा
कोरबा । छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के कुसमुंडा,गेवरा,दीपका,कोरबा के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की अर्जन के बाद जन्म,छोटे खातेदारों को रोजगार एवं लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण,बसावट, जरहाजेल की जमीन किसानों को वापस करने, आउट सोर्सिंग कार्यों में प्रभावित भू विस्थापित परिवारों को 100% रोजगार देने के साथ 11 सूत्रीय मांग को लेकर 20 नवंबर को एसईसीएल सीएमडी कार्यालय बिलासपुर के सामने उग्र प्रदर्शन करते हुए महाघेराव करने की घोषणा की है।
प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए गांव गांव में बैठक आयोजित की जा रही है जिसे ग्रामीणों का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा की भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं। विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है।
अर्जन के बाद जन्म और छोटे खातेदारों के नाम पर हजारों विस्तपितो को खेती किसानी से अलग कर रोजगार से वंचित रखा गया है। विकास की जो नींव कोरबा में रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। लगातार संघर्ष के बाद खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है।
सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्सा को छीन लिया है। इसलिए जमीन के बदले सभी खातेदारों को स्थाई रोजगार देना होगा। भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
सरकार की कॉरपोरेटपरस्त नीतियां गरीबों की आजीविका और प्राकृतिक संसाधनों को उनसे छीन रही है।यही कारण है कि कुछ लोग मालामाल हो रहे है और अधिकांश जिंदा रहने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू ने कहा कि पुराने लंबित रोजगार को लेकर एसईसीएल गंभीर नहीं है।
किसानों को छोटे बड़े खातेदार के नाम पर बांटा जा रहा है किसानों की एकता में फुट डालने का काम एसईसीएल द्वारा किया जा रहा है आउट सोर्सिंग कार्यों में भी प्रभावितों को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया है।
भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम, रेशम यादव,सुमेन्द्र सिंह कंवर ठकराल,रघु यादव ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे और भू विस्थापित संघ से जुड़े भू विस्थापितों ने कहा कि सरकार को विस्थापितों को ऐसा जीवन प्रदान करना चाहिए जिससे उनको लगे की उन्होंने अपनी जमीन नहीं खोया है लेकिन सरकार गरीबों को जमीन पर लाकर खड़ा कर देती है। गरीबों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
मांगे:-
1) भू विस्थापित जिनकी जमीन सन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई है उन प्रत्येक खातेदार को रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर जल्द रोजगार प्रदान किया जाए।
2) अर्जन के बाद जन्म के नाम से रोक गए रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर रोजगार प्रदान किया जाए।
3) प्रत्येक छोटे खातेदार को रोजगार प्रदान किया जाए।
4) जिन भू विस्थापितों का फाइल बिलासपुर मुख्यालय में है उन्हे तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए।
5) जिन भू विस्थापितों की फाइल कुसमुंडा-गेवरा-दीपका एवं राजस्व विभाग में है उन्हें जल्द कार्यवाही कर रोजगार प्रदान करने की कार्यवाही पूरी कराई जाए।
6) जिन भू विस्थापितों की जमीन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई है उनमें बचे हुए सभी भू विस्थापितों को बसावट प्रदान किया जाए।
7) कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित ग्राम जरहाजेल में मूल किसानों को जमीन वापस किया जाए।
8) गेवरा क्षेत्र अंतर्गत मनगांव बसावट को पुनः हटाने की कार्यवाही की जा रही है पूर्व में मिले प्रत्येक परिवार को पुनः बसावट या बसावट
एसईसीएल में आउट सोर्सिंग से होने वाले सभी कार्यों में भू विस्थापित परिवार के बेरोजगारों को 100% रोजगार में रखा जाए।
10) पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए।
11) गेवरा क्षेत्र अंतर्गत होने वाले अधिग्रहित ग्रामों में नए पुराने घरों के नाम पर परिसंपतियों का मूल्यांकन में कटौती बंद किया जाए और परिसंपतियो का पूर्ण मुआवजा दिया जाए।



