नेशनल

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती: ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, 25000 भर्ती रद्द करने का कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला बरकरार

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि पूरी प्रक्रिया दूषित है.

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यापक अनियमितताओं के कारण पूरी चयन प्रक्रिया को दोषपूर्ण घोषित करना सही है. हालांकि, SC ने स्पष्ट किया कि पहले भर्ती किए गए लोगों को अपनी नौकरी के दौरान प्राप्त वेतन वापस करने की आवश्यकता नहीं है. सु़प्रीम कोर्ट ने कहा कि नई चयन प्रक्रिया को 3 महीने के भीतर शुरू करके पूरा करना होगा. नई चयन प्रक्रिया में मौजूदा प्रक्रिया के बेदाग उम्मीदवारों के लिए छूट भी हो सकती है.

4 अप्रैल को भी होगी अलग सुनवाई

कोर्ट 4 अप्रैल को सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के खिलाफ पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर भी अलग से सुनवाई करेगा.

 

राज्य सरकार ने 25,753 शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों की नौकरी रद्द करने के आदेश को भी चुनौती दी है. पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका के अलावा 123 अन्य याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी.

गतवर्ष 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच जारी रखने के लिए कहा था. सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा था कि इनमें से जितने लोगों की भर्ती भ्रष्टाचार के जरिए हुई है, उनको ही नौकरी से बाहर करना बेहतर होगा.

लोगों का भरोसा नहीं जाना चाहिए

राज्य सरकार ने दावा किया था कि 7-8 हज़ार लोगों ने गलत तरीके से नौकरी पाई है. हालांकि कोर्ट का मानना था कि इस बारे में संतोषजनक आंकड़ा रखा नहीं गया. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राज्य सरकार को इस नियुक्ति से जुड़ा डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए था.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह व्यवस्थागत तरीके से गड़बड़ी हुई है. सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं. लोग उन्हें हासिल करने के लिए गंभीरता से प्रयास करते हैं. अगर जनता का विश्वास चला गया तो कुछ नही बचेगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button